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छत्तीसगढ़ वॉरियर्स ने बिग बॉयस को 89 रन से हराया

11-Feb-2025
रायपुर। शोर संदेश )  ये गप्टिल की लाइव बल्लेबाजी है, कोई आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का कमाल नहीं" कुछ ऐसी ही आवाज आ रही थी कमेंट्री बॉक्स में बैठे सुमित मिश्रा के मुख से। शहीद वीर नारायण सिंह अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में चल रही लीजेंड 90 लीग में रोज नए कारनामे हो रहे हैं और ऐसा ही कुछ देखने को मिला आज चंडीगढ़ वॉरियर्स और बिग बॉयस के बीच खेले गए लीग के आठवें मुकाबले में।
टॉस जीतकर छत्तीसगढ़ वॉरियर्स की ओर से पारी की शुरुआत करने आए मार्टिन गप्टिल और ऋषि धवन ने शुरुआत तो सधी हुई की, लेकिन फिर ऐसा गियर बदला जिसकी बिग बॉयस के गेंदबाजों ने कल्पना भी नहीं की होगी।
गप्टिल ने 326 के स्ट्राइक रेट से महज 49 गेंदों पर नाबाद 160 जड़ कर छत्तीसगढ़ वॉरियर्स को बिग बॉयस उन्नीकारी के खिलाफ 89 रनों की बड़ी जीत दिलाई, जो विपक्षी टीम के कुल स्कोर से भी ज्यादा था। शांत शुरुआत करने के बाद एक बार जब गप्टिल ने लय पकड़ी, तो उन्होंने महज 21 गेंदों में अर्धशतक पूरा किया, लेकिन असली धमाका 12वें ओवर में हुआ, जब उन्होंने ईशान मल्होत्रा के एक ओवर में 29 रन बटोरे और सिर्फ 34 गेंदों में शतक बना दिया। इसके बाद अगली 13 गेंदों में उन्होंने 50 रन और जोड़ते हुए टीम को 240 के स्कोर तक पहुंचा दिया। अपनी पारी के दौरान उन्होंने 12 चौके और 16 छक्के लगाए।
जहां मार्टिन ने नाबाद 160 रनों का स्कोर खड़ा किया तो, ऋषि धवन ने भी 42 गेंदों में 76 रन बनाकर उनका भरपूर साथ दिया।  दोनों ने मिलकर 240 रनों की अविजित साझेदारी की, जो टूर्नामेंट की सबसे बड़ी साझेदारी भी है। इसी के साथ छत्तीसगढ़ वॉरियर्स टूर्नामेंट का पहला 200+ स्कोर खड़ा करने वाली पहली टीम भी बन गई है।
बड़े लक्ष्य के सामने बिग बॉयस का प्रदर्शन काफी फीका रहा। टीम शुरुआत से ही काफी दबाव में नजर आई। शुरुआत  करने आए जतिन सक्सेना (4) और कप्तान ईशान मल्होत्रा (11) के निजी स्कोर पर जल्द ही पवेलियन लौट गए। सौरभ तिवारी (37) और रॉबिन बिष्ट (नाबाद 55) ने संघर्ष किया, लेकिन टीम 4 विकेट गंवाकर 151 रन तक ही पहुंच सकी और उसे 89 रन से बड़ी हार का सामना करना पड़ा। इस जीत के साथ छत्तीसगढ़ वॉरियर्स अंक तालिका में शीर्ष पर पहुंच गई है।
 

पूर्व पीएम सिंह के अस्थि विसर्जन में नहीं गया कांग्रेस का कोई बड़ा नेता

30-Dec-2024
नई दिल्ली।  ( शोर संदेश )  कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि परिवार की निजता का सम्मान करते हुए पार्टी का कोई वरिष्ठ नेता पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अस्थियों को विसर्जित करने के लिए परिवार के साथ नहीं गया। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अस्थियां उनके परिवार के सदस्यों ने सिख रीति-रिवाजों के अनुसार मजनू का टीला गुरुद्वारे के निकट यमुना नदी में विसर्जित कर दीं। भारतीय जनता पार्टी ने आरोप लगाया कि इस मौके पर गांधी परिवार का कोई सदस्य और कांग्रेस का कोई बड़ा नेता नहीं पहुंचा जो शर्मनाक है।
कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने एक बयान में कहा, 'परिवार की निजता का सम्मान करते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता सरदार डॉ मनमोहन सिंह जी की अस्थियों को चुनने और विसर्जित करने के लिए परिवार के साथ नहीं गए।'
उनके मुताबिक, दिवंगत नेता के अंतिम संस्कार के बाद सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी वाद्रा ने उनके निवास पर परिवार से मुलाकात की।
उन्होंने कहा, 'उनसे चर्चा करने के बाद यह महसूस किया गया कि चूंकि अंतिम संस्कार के समय परिवार को कोई निजता नहीं मिली और परिवार के कुछ सदस्य चिता स्थल पर नहीं पहुंच पाए, इसलिए उन्हें फूल चुनने और अस्थियों के विसर्जन के लिए कुछ निजता देना उचित होगा जो कि करीबी परिवार के सदस्यों के लिए भावनात्मक रूप से पीड़ादायक और कठिन वक़्त होता है।'
मनमोहन सिंह का गत 26 दिसंबर की रात अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में निधन हो गया था। वह 92 वर्ष के थे।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने रविवार को कांग्रेस पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार को लेकर विवाद पैदा करने का प्रयास करने का आरोप लगाया।
शर्मा ने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने पहले ही उनकी विरासत का सम्मान करने के लिए एक उपयुक्त स्मारक की घोषणा की है, जो राष्ट्र की कृतज्ञता को दर्शाता है। फिर भी, कुछ लोगों की हरकतें, जो शोक के इस क्षण को राजनीतिक लाभ के अवसर में बदलना चाहते हैं, बेहद दर्दनाक हैं।'
उन्होंने कहा, 'जनता को अब भी याद है कि डॉ. सिंह के कार्यकाल के दौरान उन पर क्या-क्या अत्याचार किए गए, जिनमें राहुल गांधी के वे अनुचित भाव-भंगिमाएं भी शामिल हैं, जिनसे उनकी छवि को ठेस पहुंची। ऐसी हरकतें देश की स्मृति में अंकित हैं।'

टीम इंडिया की हार, 49वीं बार टेस्ट में देखा ऐसा दिन

30-Dec-2024
मेलबर्न टेस्ट का नतीजा टीम इंडिया के फेवर में नहीं रहा है. ऑस्ट्रेलिया ने इसमें 184 रन से बाजी मार ली है. इस बड़ी जीत के साथ ही उसने सीरीज में भी बढ़त बना ली है. ऑस्ट्रेलिया ने मेलबर्न टेस्ट में भारत के सामने जीत के लिए 340 रन का लक्ष्य रखा था, जिसका पीछा करते हुए टीम इंडिया की दूसरी पारी 155 रन पर ही सिमट गई. टेस्ट क्रिकेट में ये 49वीं बार है जब 300 प्लस के टोटल का पीछा करते हुए टीम इंडिया को हार का सामना करना पड़ा है. चौथे दिन 9 विकेट खोकर 333 रन की बढ़त लेने वाली ऑस्ट्रेलिया ने 5वें दिन अपने स्कोर में 6 रन और जोड़े और भारत को 340 रन का टारगेट दिया. 

अटल बिहारी यूनिवर्सिटी बिलासपुर की छात्राओं ने तीरंदाजी में जीता सिल्वर

27-Dec-2024
रायपुर।  ( शोर संदेश )  कलिंगा इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी भुनेश्वर में ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी टूर्नामेंट के तहत 24 से 28 दिसंबर 2024 विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें गुरुवार को छत्तीसगढ़ राज्य के बिलासपुर जिले के अटल बिहारी यूनिवर्सिटी के तीरंदाज खिलाडिय़ों ने इंडियन वर्ग में खेलते हुए सुलोचना राज, पायल मरावी और मया बघेल ने सिल्वर मेडल हासिल कर राज्य का नाम रौशन किया। इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, तीरंदाजी संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कैलाश मुरारका, छत्तीसगढ़ तीरंदाजी संघ के महासचिव आयुष मुरारका, उपाध्यक्ष दीपेश अरोरा, इतवारी राज, सौरभ लूनिया ने खिलाडिय़ों को शुभकामनाएं देते हुए बधाई दी।
 

 


राष्ट्रीय वनवासी क्रीड़ा प्रतियोगिता: रायपुर पहुंचे अण्डमान-निकोबार व मणिपुर के खिलाड़ी

24-Dec-2024

रायपुर ( शोर संदेश  )। रायपुर में होने जा रही 24वीं राष्ट्रीय वनवासी क्रीड़ा प्रतियोगिता के लिए जनजातीय खिलाड़ियों का रायपुर पहुॅचना शुरू हो गया है। आज दूरस्थ अण्डमान-निकोबार द्वीप और उत्तर पूर्वी राज्य मणिपुर से खिलाड़ी रायपुर पहुँचें। अण्डमान-निकोबार से 20 सदस्यीय दल और मणिपुर से 28 खिलाडियों का रायपुर पहुँचने पर गाजे-बाजे के साथ भव्य स्वागत किया गया। शबरी कन्या आश्रम परिसर में सभी खिलाड़ियों, कोच और प्रबंधकों का तिलक लगाकर पुष्प गुच्छों के साथ रायपुर में स्वागत किया गया।

अण्डमान-निकोबार से आये खिलाड़ियों में विशेष पिछड़ी जनजाति ग्रेट अण्डमानी की 2 सदस्य जुरोल और पिगरी भी शामिल है। मणिपुर के खिलाड़ियों ने रायपुर पहॅुंचने पर किए गए स्वागत के प्रति खुशी जाहिर की। अण्डमान-निकोबार के खिलाड़ियों ने प्रतियोगिता के लिए की गई व्यवस्थाओं की भी तारीफ की। सभी खिलाड़ी इस प्रतियोगिता के उत्साह से भरे नजर आएं। आने वाले दो दिनों में अन्य प्रदेशों से भी तीरंदाजी और फुटबॉल के जनजातीय खिलाड़ी रायपुर पहॅुंचेंगे। खिलाड़ियों का स्वागत अमर बंसल, सचिव स्वागत समिति, डॉ अनुराग जैन सचिव वनवासी विकास समिति, उमेश कच्छप, अध्यक्ष वनवासी विकास समिती  छत्तीसगढ़, प्रवीण ढोलके क्षेत्रीय संगठन मंत्री , सुभाष बड़ोले क्षेत्रीय सह संगठन मंत्री, राम नाथ कश्यप प्रान्त संगठन मंत्री, रवि गोयल, गोपाल बियानी, श्रीमती माधवी जोशी ने किया ।

अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम से संम्बद्ध संस्था वनवासी विकास समिति छत्तीसगढ़ द्वारा आयोजित की जा रही 24वीं राष्ट्रीय वनवासी क्रीड़ा प्रतियोगिता 27 से 31 दिसम्बर तक राजधानी रायपुर में होगी। प्रतियोगिता में वनवासी कल्याण आश्रम के कार्यक्षेत्र अनुसार 33 प्रांतों के आठ सौ से अधिक जनजातीय बालक-बालिकाएं भाग लेंगे। प्रतियोगिता में फुटबॉल और तीरंदाजी की प्रतिस्पर्धायें होंगी। फुटबॉल की प्रतिस्पर्धाएं कोटा स्टेडियम और पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय मैदान पर होंगी। इस राष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए सभी तैयारियां तेजी से की जा रही हैं।

वनवासी विकास समिति के प्रचार-प्रसार प्रभाग के प्रभारी राजीव शर्मा ने बताया कि देशभर में जनजातीय खेल प्रतिभाओं को राष्ट्रीय मंच प्रदान करने और उन्हें पहचान कर भविष्य के राष्ट्रीय खिलाड़ी तैयार करने के उद्देश्य से यह प्रतियोगिता आयोजित की जाती है। इस बार 24वीं प्रतियोगिता राजधानी रायपुर में हो रही है। उन्होंने बताया कि प्रतियोगिता में अण्डमान निकोबार से लेकर दिल्ली, पंजाब तक के लगभग 33 प्रांतों से जनजातीय खिलाड़ी शामिल होंगे। तीरंदाजी की प्रतियोगिता जूनियर और सब जूनियर वर्ग में बालक-बालिकाओं के लिए होगी। फुटबॉल प्रतियोगिता में जूनियर सब जूनियर वर्ग में जनजातीय बालक अपने खेल का जौहर दिखाएंगे।

शर्मा ने बताया कि विभिन्न प्रांतों से प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए रायपुर आने वाले जनजातीय खिलाड़ियों के आवास और भोजन की व्यवस्था वनवासी विकास समिति द्वारा की जा रही है। रोहणीपुरम स्थित शबरी कन्या आश्रम परिसर में बालिकाओं को रखा जाएगा। सरस्वती शिशु मंदिर और सरस्वती शिक्षा संस्थान परिसरों में बालकों के आवास की व्यवस्था रहेगी। सभी के लिए शबरी कल्याण आश्रम परिसर में नास्तें और भोजन की व्यवस्था की गई है। आवास स्थल से खेल मैदान तक आने-जाने के लिए खिलाड़ियों को वाहन व्यवस्था भी उपलब्ध कराई जाएगी। प्रतियोगिता में विजेताओं को मेडल और ट्रॉफी के साथ प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा।


3 टीमें जो चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में बन सकती हैं भारत के लिए बड़ा खतरा

22-Dec-2024
नई दिल्ली। आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के शुरू होने में ज्यादा वक्त नहीं बचा है। अगले साल फरवरी-मार्च में होने वाले इस टूर्नामेंट का काउंट डाउन शुरू हो चुका है। पाकिस्तान की मेजबानी में होने वाले इस टूर्नामेंट में टीम इंडिया खिताब जीतने की प्रबल दावेदार के रूप में उतरेगी।
भारतीय क्रिकेट टीम इस टूर्नामेंट का भले ही सुपर हॉट फेवरेट है, लेकिन यहां टीम इंडिया के लिए कुछ ऐसी टीमें हैं जो बड़ा खतरा बन सकती हैं। तो चलिए आपको बताते हैं वो 3 टीमें जो रोहित शर्मा एंड कंपनी के लिए चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में बन सकती है सबसे बड़ा खतरा।
टीम इंडिया का आईसीसी टूर्नामेंट में पाकिस्तान के खिलाफ एकतरफा पलड़ा भारी रहा है। भारतीय टीम ने बड़े इवेंट में पाकिस्तान को खूब परेशान किया है। लेकिन रोहित शर्मा एंड कंपनी के लिए पाकिस्तान भी आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में खतरा बन सकती है। क्योंकि ये टीम कभी भी किसी भी वक्त टीम इंडिया को अपना निशाना बना सकती है। जहां 2017 के चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल की हार अभी भी सब को याद होगी। ऐसे में भारत को इनसे भी सावधान रहना होगा। भारतीय क्रिकेट टीम आईसीसी टूर्नामेंट में अक्सर ही अहम मौकों पर फिसल जाती है। इस दौरान भारतीय टीम को न्यूजीलैंड ने कई बार अपना शिकार बनाया है। ब्लैककैप्स भारत के लिए सबसे बड़ी चुनौतीपूर्ण टीम साबित हुई है। भारत के लिए 2019 का वनडे वर्ल्ड कप कोई नहीं भूल सकता है, जब न्यूजीलैंड से सेमीफाइनल में भारत को हार का सामना करना पड़ा था। इसके अलावा कई अन्य मौकों पर न्यूजीलैंड ने भारत का काम खराब किया है।

रोहित शर्मा की चोट पर आया बड़ा अपडेट, मेलबर्न टेस्ट से होंगे बाहर?

22-Dec-2024
नई दिल्ली।  ( शोर संदेश ) भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 26 दिसंबर से मेलबर्न में बॉक्सिंग डे टेस्ट मैच खेला जाना है। यह वर्तमान बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का चौथा मुकाबला होगा। इस मैच से पहले सीरीज 1-1 से बराबरी पर है। शनिवार को भारतीय क्रिकेट टीम ने मेलबर्न में अभ्यास किया और इसी दौरान कप्तान रोहित शर्मा चोटिल हो गए। रोहित को लगी चोट भारत के लिए मेलबर्न टेस्ट से पहले चिंता का विषय हो सकती है। हालांकि, अब रोहित के साथी खिलाड़ी और तेज गेंदबाज आकाशदीप ने उनकी चोट को लेकर बड़ी अपडेट दी है।
रोहित शर्मा की चोट चिंता का विषय नहीं- आकाशदीप
भारतीय क्रिकेट टीम ने इस दौरे के पहले टेस्ट में ही शुभमन गिल को चोट के कारण गंवाया था। गिल को भी अभ्यास के दौरान ही अंगूठे में फ्रैक्चर हुआ था जिसके कारण वह पर्थ में हुआ पहला टेस्ट नहीं खेल पाए थे। रोहित शर्मा की चोट आकाशदीप के मुताबिक अधिक गंभीर नहीं है और फिलहाल मेलबर्न टेस्ट शुरू होने में चार दिन का समय है। रोहित के बल्ले से रन नहीं निकल रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद भारतीय टीम मैनेजमेंट उन्हें मेलबर्न टेस्ट में खोना नहीं चाहेगा।
रविवार को हुए अभ्यास के बाद आकाशदीप ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा, "जब आप क्रिकेट खेलते हैं तो आपको चोट लगती है। यह कोई चिंता की बात नहीं है।"
आकाशदीप ने ब्रिस्बेन में हुआ तीसरा टेस्ट मैच खेला था लेकिन, गेंदबाजी में बहुत सफल नहीं हो पाए थे। नेट्स पर उन्हें अक्सर विराट कोहली और रोहित को ही गेंदबाजी करते हुए देखा जाता है। अब आकाशदीप ने बताया है कि ये दोनों ही दिग्गज बल्लेबाज अभ्यास के बाद उन्हें किस तरीके की टिप्स देते हैं और इन टिप्स का उनकी गेंदबाजी पर क्या प्रभाव पड़ता है। उन्होंने कहा, "मेरी गेंदबाजी को लेकर रोहित और विराट द्वारा दिए गए टिप्स काफी असरदार होते हैं। ये दोनों ही नेट्स पर हमारी काफी मदद करते हैं चाहे वह मैं हूं या हर्षित राणा और इससे हमारे लिए भी गेंदबाजी करना आसान हो जाता है। जब आपके दिमाग में बहुत सारे ख्याल नहीं चल रहे होते हैं तो आप मैच में फ्री होकर अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं।"

खो खो को वैश्विक स्तर पर जाते देखकर खुश हैं कोच सुमित भाटिया, कहा-हम देख सकते हैं कि हमारा सपना पूरा हो रहा है

17-Dec-2024
नई दिल्ली।  ( शोर संदेश )  भारतीय राष्ट्रीय टीम के कोच सुमित भाटिया 13-19 जनवरी, 2025 तक होने वाले खो खो विश्व कप के पहले संस्करण के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। भाटिया के पास जीतने वाले एकमात्र मुख्य कोच होने का एक विशिष्ट रिकॉर्ड है। दो बार एशियन चैंपियन रह चुके सुमित का मानना है कि यह ऐतिहासिक कदम खेल को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ले जाने और वैश्विक पहचान दिलाने में मदद करने के सपने के साकार होने का संकेत है।
दिल्ली सरकार द्वारा सर्वश्रेष्ठ कोच पुरस्कार से सम्मानित होने के बाद, सुमित भाटिया 2016 और 2023 एशियाई खो खो चैम्पियनशिप जीत सहित विभिन्न भारतीय टीमों की सफलताओं का हिस्सा रहे हैं और उन्होंने नसरीन शेख और सारिका सुधाकर काले जैसे खिलाड़ियों को प्रशिक्षित किया है। ये दोनों अर्जुन अवॉर्डी रहे हैं। नसरीन जो विश्व कप शिविर का भी हिस्सा हैं, एकमात्र खिलाड़ी हैं जिन्होंने दो एशियाई चैंपियनशिप खेली हैं और स्वर्ण पदक जीता है। कोच-छात्र की जोड़ी अब वैश्विक आयोजन के लिए तैयारी कर रही है।
खो खो विश्व कप की शुरुआत की यात्रा कैसे शुरू हुई, इस पर कोच ने कहा, “ हमने 2020 में कोविड होने से पहले यहां एक अंतरराष्ट्रीय शिविर का आयोजन किया था। 16 देशों के कोच और खिलाड़ी यहां आए थे और हमने उन्हें प्रशिक्षण दिया था। अब वे विश्व कप के लिए यहां आएंगे लेकिन यह अभियान उस शिविर में शुरू हुआ।'
उन्होंने आगे कहा, “ लगभग 30-35 देश टूर्नामेंट खेलने के इच्छुक थे लेकिन हमने पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए सर्वश्रेष्ठ 20 टीमों को चुना। कुछ देशों में एकल टीमें हैं जबकि कुछ में दोहरी टीमें हैं लेकिन टूर्नामेंट में कुल 24 देश भाग लेंगे। खो खो को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ले जाना हमारा सपना था और अब हम देख सकते हैं कि हमारा सपना पूरा हो रहा है।''
उन्होंने अल्टीमेट खो खो लीग के लॉन्च की भी सराहना की और बताया कि कैसे फ्रेंचाइजी-आधारित मॉडल ने खिलाड़ियों और कोचों को पहचान हासिल करने में मदद की है, साथ ही जमीनी स्तर की प्रतिभा को भी आगे लाया है।

भाटिया ने कहा, “जब अल्टीमेट खो खो लीग शुरू हुई, तो मैं तेलुगू योद्धाओं के साथ उनके मुख्य कोच के रूप में जुड़ गया और हमने फाइनल भी खेला। लीग के माध्यम से खिलाड़ियों को एक्सपोज़र मिला है और यह सिर्फ वित्तीय नहीं है। पहले हम खो-खो कोच होने की बात स्वीकार करने में झिझकते थे लेकिन आज हमारे खिलाड़ी हमें अपने कोच के रूप में पेश करते हैं।''

उन्होंने कहा, “लीग को इतना कवरेज मिला कि हम जहां भी जाते हैं, खिलाड़ियों से ऑटोग्राफ के लिए संपर्क किया जाता है। इसलिए लीग के मंच ने कोचों और खिलाड़ियों दोनों के लिए एक नई दुनिया की शुरुआत की और अब न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया हमें जानती है। पहले हम लोगों को अपने खेल के बारे में बताते थे लेकिन अब वे जानते हैं कि खो खो और अल्टीमेट खो खो लीग क्या है और वे तीसरे सीज़न का भी इंतज़ार कर रहे हैं।'
भाटिया ने खो खो पर खेल विज्ञान के प्रभाव पर भी चर्चा की और नई पेश की गई तकनीक की सराहना की, उन्होंने कहा, “हमें इससे बहुत फायदा हुआ है। कई बार हमें समझ नहीं आता कि कोई खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन क्यों नहीं कर पा रहा है. लेकिन खेल विज्ञान के आगमन के साथ, अब हम समस्या के विवरण के बारे में जानते हैं। उदाहरण के लिए, एक खिलाड़ी को बैठते समय अपने बाएं पैर में समस्या का सामना करना पड़ सकता है और इसलिए, यह हमें उस कमजोरी पर काम करने का मौका देता है... खेल विज्ञान ने हमें एक खिलाड़ी की सटीकता और कमजोरी की पहचान करने में मदद की है। इसलिए यह हमारे लिए बहुत फायदेमंद है।

नेशनल कराटे चैंपियनशिप में टीएसएच के खिलाड़ियों का शानदार प्रदर्शन

17-Dec-2024
कानपुर।  ( शोर संदेश ) लाल बंग्ला स्थित गुरुमाता गुरुद्वारा में आयोजित नेशनल कराटे चैंपियनशिप-2024 में द स्पोर्ट्स हब के खिलाड़ियों ने अपने शानदार प्रदर्शन से सभी का ध्यान आकर्षित किया। प्रतियोगिता का आयोजन प्रैगन मार्शल आर्ट एसोसिएशन द्वारा किया गया, जिसमें बच्चों को द स्पोर्ट्स हब के विश्वस्तरीय प्रशिक्षण और अत्याधुनिक सुविधाओं का लाभ मिला।
टीएसएच के मीडिया प्रभारी ने बताया कि काटा इवेंट में रियान अहमद, टीएसएच की लाइफ टाइम मेंबर मेहर भट्टर और आबान अहमद ने गोल्ड मेडल जीतकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया, जबकि अंश यादव ने सिल्वर मेडल जीता। टीम काटा में भी रियान अहमद, आबान अहमद और मेहर भट्टर ने सिल्वर मेडल हासिल किया। ओपन काटा में रियान अहमद ने फिर से गोल्ड मेडल पर कब्जा जमाया।
कुमिते इवेंट में द स्पोर्ट्स हब के खिलाड़ियों ने दमदार प्रदर्शन किया। रियान अहमद, आदित्य कुमार, अंशुमान गुप्ता, विनशी वामन, पार्निका गुप्ता, शेखर मिश्रा, संताना कुमारी, अंश यादव, सृष्टि और कनुप्रिया ने स्वर्ण पदक अपने नाम किए। अशर जुबैर, प्रनवी और मेहर भट्टर ने सिल्वर मेडल जीता, जबकि शैलेश गुप्ता और अंशिका श्रीवास्तव ने ब्रॉन्ज मेडल जीता।

 


युवाओं के नेतृत्व क्षमता का विकास करता है युवा संसद मंत्री राजवाड़े

09-Dec-2024

रायपुर ( शोर संदेश )। महिला-बाल विकास और समाज कल्याण मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े रविवार को सूरजपुर जिले के ग्राम बतरा स्थित स्वामी आत्मानंद स्कूल में आयोजित जिला स्तरीय युवा संसद प्रतियोगिता कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुईं। इस अवसर पर उन्होंने  युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि युवा संसद युवाओं के नेतृत्व क्षमता का विकास करता है।

युवा संसद के माध्यम से छात्रों को सरकार की कार्यप्रणाली को जानने और समझने का अवसर मिलता है। युवा संसद कार्यक्रम के माध्यम से राजनीति सीखकर आज कई नेता अच्छे मुकाम पर पहुंच चुके हैं। युवा संसद का उद्देश्य युवाओं को सशक्त बनाना और उन्हें लोकतंत्र में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रेरित करना है, साथ ही सार्वजनिक मुद्दों पर विचार करने और अपनी राय बनाने के लिए भी प्रोत्साहित करना है।

मंत्री राजवाड़े ने इस अवसर पर विद्यालय के स्काउट गाइड के बच्चों से भी मुलाकात की और युवा संसद कार्यक्रम के सभी विजेताओं को प्रमाणपत्र प्रदान किए।



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