देहरादून (शोर संदेश) देहरादून जनपद के कालसी थाना क्षेत्र अंतर्गत हरिपुर मिनस मार्ग पर एक लोडर गहरी खाई में जा गिरा। एसडीआरएफ इस हादसे में तीन लोगों ने अपनी जान गंवा दी। बताया जाता है कि इस रास्ते पर छिबरौं पावर हाउस के पास एक लोडर अनियंत्रित हो कर सड़क से सीधे नीचे टौंस नदी में जा गिरा। इस हादसे में वाहन सवार चार लोगों में तीन की मौके पर मौत हो गई। वहीं एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया। रविवार रात को हादसा होने के कारण एसडीआरएफ और स्थानीय पुलिस को रेस्क्यू करने में काफी परेशानी हुई। पुलिस और एसडीआरएफ टीम ने रात के अंधेरे में ही रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर मृतकों के शवों समेत घायलों को बाहर निकाला। इसके बाद पुलिस ने घायल व्यक्ति को उपचार के लिए पीएचसी भेज दिया। वहां से उसे हायर सेंटर रेफर किया गया। वहीं तीनों शवों को मोर्चरी में रखवाया गया।
उत्तरकाशी (शोर सन्देश)। उत्तरकाशी टनल हादसे में 17वें दिन बड़ी सफलता मिली है। दिवाली के दिन से उत्तरकाशी की निर्माणाधीन सुरंग में कैद सभी 41 श्रमिक बाहर निकल गए हैं। इस दौरान सुरंग के अंदर मेडिकल की टीम से लेकर सीएम धामी और अन्य अधिकारी मौजूद रहे। उत्तराखंड में 12 नवंबर से सिलक्यारा सुरंग के अंदर फंसे सभी 41 मजदूरों को सफलतापूर्वक बाहर निकाला गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बाहर निकाले गए श्रमिकों से मुलाकात कर रहे हैं। केंद्रीय राज्य मंत्री जनरल ( से.नि) वीके सिंह भी मौजूद हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने श्रमिकों और रेस्क्यू अभियान में जुटे हुए कर्मियों के मनोबल और साहस की जमकर सराहना की। बाहर निकाले जा रहे श्रमिको के परिजन भी टनल में मौजूद हैं। टनल से बाहर निकाले गए श्रमिकों का प्रारंभिक स्वास्थ्य परीक्षण टनल में बने अस्थाई मेडीकल कैंप में ही किया जाएगा। 400 से अधिक घंटे तक देसी-विदेशी मशीनों और एक्सपर्ट ने मुश्किलों और चुनौतियों से भरे मिशन में हर बाधा को पार करते हुए मजदूरों को धीरे-धीरे बाहर निकाला गया। मलबे में 800 एमएम की पाइप डालकर एक स्केप टनल बनाया गया जिसके जरिए मजदूरों को बाहर निकालने की प्रक्रिया शुरू हुई।
उत्तरकाशी (शोर सन्देश)। चारधाम ऑलवेदर परियोजना की सिलक्यारा सुरंग में फंसी 41 जिंदगियां कैद से आजाद होने को बेकरार हैं। मजदूरों को बाहर निकालने का उत्साह गुरुवार को दिनभर उतार चढ़ाव लेता रहा। सूरज चढ़ता गया और अड़चनों की वजह से मजदूरों के बाहर आने का इंतजार बढ़ता रहा। इन श्रमिकों को सुरंग के अंदर फंसे हुए 300 घंटे से अधिक का समय हो गया। आज उम्मीद बनी है कि सुरंग में फंसे श्रमिकों को सकुशल बाहर निकाला जाएगा। इसके लिए सभी तरह की तैयारियां की गई है। वहीं अस्पताल और डॉक्टर्स भी अलर्ट पर हैं। सुरंग के बाहर परिजन बेसब्री से अपनों के निकालने का इंतजार कर रहे हैं। बुधवार की रात को चले अभियान की रफ्तार से ये उम्मीद जताई जा रही थी कि बृहस्पतिवार की सुबह तक सभी 41 मजदूर सकुशल बाहर आ जाएंगे, लेकिन रात को अमेरिकन ऑगर ड्रिल मशीन की राह में लोहे के सरिये व गाटर आ गए जो टनल के भीतर के स्ट्रक्चर के लिए लगाए गए थे। इससे मशीन का पुर्जा भी टूट गया। मशीन रोकनी पड़ी। इसके बाद एनडीआरएफ के जवान ने करीब 40 मीटर तक पहुंचे 800 मिमी पाइप के भीतर घुसकर रुकावट को देखा। उन्होंने इसे काटने की सलाह दी, जिसके लिए गैस कटर मंगाया गया। भीतर ऑक्सीजन कम होती है। गैस कटर चलाने पर ये और कम हो जाती है। लिहाजा, पहली टीम जब इसे काटने के लिए पहुंची तो वह सफल नहीं हो पाई। इसके बाद दूसरी टीम भीतर गई, जिसे कई घंटे की मशक्कत के बाद इसे काट दिया। सुबह दोबारा डि्ल मशीन शुरू कर दी गई। नौवां पाइप भीतर भेजना शुरू किया गया। करीब 1.8 मीटर पाइप पहुंचा ही था कि मशीन में फिर तेज कंपन्न होने लगी। सामने फिर सरिये की चुनौती पेश आई, जिसे देर शाम तक काटा गया। मजदूरों को पाइप उनके पास तक पहुंचने और बचाव दलों को मजदूरों के बाहर आने का इंतजार था। देर रात तक बचाव अभियान जारी था। पीएमओ के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे ने कहा कि सबसे पहले, हमें मशीन के प्लेटफॉर्म का पुनर्गठन कर दिया और इसके बाद पाइप पर जो थोड़ा दबाव था उसे काटने का काम चल रहा है। ये पूरा हो जाने के बाद हमने ऑगर ड्रिलिंग की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पार्सन्स कंपनी ने ग्राउंड पेनेट्रेशन रडार से जो अध्ययन किया है उसे हमें पता चला कि अगले 5 मीटर तक कोई धातु अवरोध नहीं है। इस हिसाब से अगर ड्रिल मशीन ठीक चली तो पाइप सुरंग में फंसे मजदूरों के बेहद करीब पहुंच जाएगा। शाम तक उनके बाहर आने की उम्मीद है।
उत्तरकाशी (शोर सन्देश)। दिवाली के दिन उत्तरकाशी की निर्माणाधीन सुरंग में हुए हादसे में फंसे 41 श्रमिक जल्द बाहर आ सकते हैं। रेस्क्यू का आज 12वां दिन है। सुरंग में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए अभी 10 से 12 मीटर ड्रिलिंग शेष है। जिसके लिए छह-छह मीटर के दो पाइप डाले जाने हैं। हालांकि अभी ऑगर मशीन बंद की गई है। जिसके जल्द शुरू होने की उम्मीद है। ऑपरेशन सिलक्यारा पूरे जोर शोर के साथ आगे बढ़ रहा है। हालांकि अधिकारी अब फूंक-फूंक कर कदम उठा रहे हैं। ड्रिलिंग के दौरान कई बार मशीन में कंपन तेज होने लगी, जिसके चलते मशीन को रोका गया, फिर चेक किया गया। ऐसे में कई खतरे की घंटी महसूस होने लगी। अभी तक अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार अगर कोई बड़ी बाधा सामने नहीं आती है तो आज रात तक ऑपरेशन सिलक्यारा को सफलतापूर्वक अंजाम दे दिया जाएगा। सुरंग में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन में केंद्र व राज्य सरकार की 19 एजेंसियां जुटी हैं। जिनके बीच समन्वय के लिए केंद्र व राज्य के कई बड़े अधिकारी भी सिलक्यारा में डेरा डाले हुए हैं।
मुख्यमंत्री धामी ने सुरंग में फंसे मजदूरों से की बात
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सुरंग में फंसे मजदूरों से बात की। उन्होंने अंदर फंसे श्रमिक गबर सिंह से फोन पर बात कर उनका हौसला बढ़ाया। बताया कि उन्हें पूरी तरह सुरक्षित बाहर लाने के लिए यहां पूरी टीम कोशिश कर रही है। सीएम ने श्रमिकों के स्वास्थ्य का हाल पूछते हुए कहा कि बस अब कुछ देर और अपना हौसला बनए रखें। किसी भी तरह की चिंता न करें। सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों में उत्तराखंड राज्य के भी दो श्रमिक शामिल हैं। पौड़ी और पिथौरागढ़ राज्यों के यह दिवाली का त्यौहार भले न मना सके हों, लेकिन ईगास पर्व जरूर मनाएंगे। दरअसल, उत्तराखंड राज्य में दिवाली के ठीक 11 दिन बाद ईगास पर्व या बूढ़ी दिवाली मनाई जाती है। पिछले दस दिनों से सुरंग में कैद मजदूरों के लिए शुभ समाचार 11वें दिन बुधवार शाम को आया। मजदूरों को निकालने के लिए ऑगर मशीन से डाला जा रहा पाइप उनके बेहद करीब पहुंच गया है। जिससे सभी को बाहर निकाला जाएगा।
पीएम मोदी ने सीएम धामी से फिर लिया रेस्क्यू ऑपरेशन का अपडेट
सीएम धामी ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने आज फोन कर सिलक्यारा, उत्तरकाशी में निर्माणाधीन टनल में फंसे श्रमिकों को सकुशल बाहर निकालने के लिए चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी ली। उन्होंने केंद्रीय एजेंसियों, अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों एवं प्रदेश प्रशासन के समन्वय से युद्ध स्तर पर संचालित राहत एवं बचाव कार्यों में हो रही प्रगति से पीएम मोदी को अवगत कराया। बताया कि प्रधानमंत्री को मौक़े पर श्रमिकों के उपचार व देखभाल के लिए चिकित्सकों की टीम, एम्बुलेंस, हेली सेवा एवं अस्थायी हॉस्पिटल की व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने एवं किसी भी इमरजेंसी की स्थिति में एम्स ऋषिकेश में चिकित्सकों को तैयार रहने के निर्देश दिए जाने की जानकारी भी दी।
देहरादून (शोर संदेश न्यूज़ ) उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में बदमाशों ने दस मिनट के अंदर दस करोड़ की डकैती को अंजाम दिया। घटना के बाद से पूरे शहर में हड़कंप मचा हुआ है। राष्ट्रपति के दौरे के चलते पुलिस सुरक्षा व्यवस्था में लगी थी और इस बीच शहर में बदमाशों ने बड़ी चोरी की वारदात को अंजाम दिया। गुरुवार सुबह देहरादून के राजपुर रोड स्थित रिलायंस के ज्वेलरी शोरूम में कीमती आभूषणों को सजाने की तैयारी चल रही थी। तभी पांच लोग ग्राहक बनकर अंदर घुसे और गन प्वाइंट पर कर्मचारियों को बंधक बना लिया। बदमाशों ने कर्मचारियों को पेंट्री में बंद किया। सभी के हाथ प्लास्टिक की रस्सी से बांध दिए। बदमाश यहां से करोड़ों रुपए के हीरे और सोने के जेवरात लूट कर ले गए। घटना सुबह की है और पुलिस को भी इसकी भनक काफी देर बाद लगी।
देहरादून (शोर संदेश) उत्तराखण्ड में खट्टे टमाटर के तेवर अब और तीखे हो गए हैं। एक सप्ताह पूर्व उत्तरकाशी जनपद मुख्यालय की मंडी में टमाटर के दाम ने शतक मार दिया था तो वहीं गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में टमाटर के दाम 200 रुपये पार कर चुका है। गंगोत्री धाम के व्यापारी जसपाल पंवार का कहना है कि गंगोत्री धाम में टमाटर की एक क्रेट 2500 रुपये से अधिक की बिक रही है। धाम में टमाटर मिलना मुश्किल हो रहा है। वहीं सबसे अधिक समस्या होटलों और ढाबों के किचन में आ रही है। दूसरी तरफ राजधानी देहरादून में टमाटर के दाम में आई हल्की गिरावट से लोगों को बड़ी राहत मिली है। एक सप्ताह बाद इसमें और गिरावट आने की उम्मीद है। हालांकि, अन्य सब्जियों के बढ़ते दाम लोगों का बजट बिहाड़ रहे हैं। बृहस्पतिवार को देहरादून में टमाटर के थोक दाम 50 रुपये प्रति किलो रहा। जबकि, फुटकर पर टमाटर 80 से 90 रुपये प्रति किलो बिका। हालांकि, फूल गोभी, पत्तागोभी से लेकर भिंडी जैसी सब्जियां के दाम बढ़ने से लोगों को झटका लगा है। मई में जो फूलगोभी 30 रुपये किलो थी वह अब 50 से 60 रुपये किलो बिक रही है। पत्ता गोभी 30-40 रुपये प्रति किलो से बढ़कर 70 रुपये किलो है। निरंजपुर मंडी के निरीक्षक अजय डबराल ने बताया, अभी चकराता, त्यूणी और थत्यूड़ समेत हिमाचल के कुछ हिस्सों से टमाटर दून पहुंच रहा है। 15 जुलाई के बाद टमाटर के दामों में कमी आएगी। इसके साथ ही कर्नाटक से भी इसी महीने से आपूर्ति शुरू होगी जिससे रेट सामान्य होने की उम्मीद है।
आधी रह गई पहाड़ी टमाटर की बिक्री
उत्पादन प्रभावित होने से पहाड़ के टमाटर की आवक भी कम हो गई है। सामान्य दिनों में एक हजार क्विंटल तक टमाटर बेचने वाले देहरादून जिले में अब महज 475 क्विंटल टमाटर आ रहा है। इसमें 428 क्विंटल पहाड़ी टमाटर और 45 क्विंटल बाहरी राज्यों का है। मंडी में पहाड़ के टमाटर की कीमतें सबसे अधिक हैं। सामान्य दिनों में पहाड़ का टमाटर 500 से 600 क्विंटल प्रतिदिन अन्य राज्यों को भेजा जाता है लेकिन उत्पादन कम होने के कारण स्थानीय आपूर्ति कर पाना ही संभव नहीं हो रहा है। इसलिए अब अन्य राज्यों में महज 150 से 200 क्विंटल टमाटर ही प्रतिदिन जा रहा है। करीब दो-तीन माह पूर्व टमाटर की कीमतें काफी गिर गई थीं। तीन से चार रुपये प्रति किलो तक थोक में बिका। इसका असर यह हुआ कि किसानों ने टमाटर की पैदावार कम कर दूसरी फसल उगा ली। बरसात अधिक होने से भी टमाटर की फसल बर्बाद हो गई। पैदावार कम होने से रेट बढ़ गए। इसका असर पहाड़ी क्षेत्रों के टमाटर पर भी पड़ा है। -विजय प्रसाद थपलियाल, सचिव, मंडी समिति
चमोली (शोर संदेश)।उत्तराखंड में विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा 22 अप्रैल 2023 से विधिवत शुरू हो गई है। इसके बाद लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहां दर्शन करने आ रहे हैं। चारधाम यात्रा में मौसम की दुश्वारियों से श्रद्धालुओं को दो-चार होना पड़ रहा है। साथ ही प्रशासन अब सिखों के पवित्र तीर्थ स्थल हेमकुंड साहिब की यात्रा की तैयारियों में जुटा हुआ है। लेकिन इस बार मौसम को देखते हुए हेमकुंड साहिब में श्रद्धालुओं की संख्या सीमित रखी जाएगी। चमोली जिला प्रशासन के आदेश के बाद यह निर्णय लिया गया है। हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी अध्यक्ष नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा ने कहा कि, चमोली जिला प्रशासन के निर्देशानुसार हेमकुंड साहिब आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या सीमित रखी जाएगी। बीमार लोगों, बच्चों और बुजुर्गों को अगले आदेश तक यात्रा की अनुमति नहीं दी जाएगी। 20 मई को खुलेंगे हेमकुंड साहिब के कपाट खुल जाएंगे। बीते दिन चमोली डीएम हिमांशु खुराना ने 18 किलोमीटर पैदल यात्रा कर हेमकुंड साहिब मार्ग का निरीक्षण किया। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को यात्रा शुरू होने से पहले सभी व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के निर्देश दिए। डीएम हिमांशु ने यात्रा मार्ग पर रेलिंग, पाकिर्ंग, मोड सुधारीकरण, एप्रोच मार्ग, पुल, घोड़ा पड़ा, रेन शेल्टर, यात्री शेड, बेंच, रेस्क्यू हेलीपैड सहित बिजली, पानी, शौचालय, साफ सफाई, स्वास्थ्य एवं यात्रा से जुड़ी तमाम व्यवस्थाओं का जायजा लिया। जिससे यात्रा को सुगम बनाया जा सके। वहीं बीते दिनों भारतीय सेना के जवानों ने हेमकुंड साहिब पैदल मार्ग से बर्फ को हटाकर रास्ता तैयार किया। हेमकुंड साहिब पैदल मार्ग पर अभी भी काफी बर्फ है, जिसे हटाकर मार्ग बनाया जा रहा है। जिससे यात्रा में श्रद्धालुओं को परेशानियों का सामना ना करना पड़े। वहीं मौसम खराब होते ही हेमकुंड साहिब में बर्फबारी हो रही है, हालांकि आने वाले समय में मौसम साफ रहने की उम्मीद है।
देहरादून (शोर संदेश) उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास का बुधवार को निधन हो गया। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। कैबिनेट मंत्री की अल्मोड़ा से बागेश्वर पहुंचने के बाद अचानक तबीयत खराब हो गई थी। इसके बाद उन्हें बागेश्वर के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उनका निधन हो गया। चंदन राम दास के निधन पर सीएम धामी ने शोक जताते हुए कहा, "मंत्रिमंडल में मेरे वरिष्ठ सहयोगी चंदन राम दास के आकस्मिक निधन के समाचार से स्तब्ध हूं। उनका निधन जनसेवा एवं राजनीति के क्षेत्र में अपूरणीय क्षति है। ईश्वर पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान एवं परिजनों व समर्थकों को यह असीम कष्ट सहन करने की शक्ति प्रदान करें। ॐ शांति।" चंदन राम दास को बागेश्वर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां डॉक्टरों ने उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हें आईसीयू में भर्ती कराया था। इलाज के क्रम में उनका निधन हो गया। चंदन राम दास ने अपना राजनीतिक करियर 43 साल पहले शुरू हुआ था। हालांकि 1997 में नगर पालिका बागेश्वर से पहला चुनाव जीता था। वो नगर पालिका के निर्दलीय अध्यक्ष बने थे। इस समय उत्तराखंड सरकार में परिवहन मंत्री थे।
यमुनोत्री (शोर संदेश)। चारधाम यात्रा 2023 में लगातार दूसरे दिन एक और श्रद्धालु की मौत हो गई है। इससे पहले यात्रा के पहले दिन यानी 22 अप्रैल को भी गुजरात के एक यात्री की मौत हो गई थी। दोनों तीर्थ यात्रियों की जान हार्ट अटैक से गई है। उत्तराखंड चारधाम यात्रा 2023 के शुरूआती पहले दो दिन ही दो तीर्थ यात्रियों की मौत हो गई है। चिंता की बात है कि, पिछले दो दिनों में दो तीर्थ यात्री की मौत हार्ट अटैक से हुई है। ऐसे में अब उत्तराखंड चारधाम यात्रा पर जाने वाले तीर्थ यात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे यात्रा पर जाने से पहले अपने स्वास्थ्य की पूरी जांच कराएं। गंगोत्री और यमुनोत्री धामों के कपाट 22 अप्रैल को खुले थे। बदरीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल, जबकि केदारनाथ धाम के कपाट 25 अप्रैल को खुलेंगे। यमुनोत्री मन्दिर में दर्शन कर लौटते समय खरशाली शिव शक्ति पाकिर्ंग में दिनेश पारिदार (40) की तबियत बिगड़ गयी थी। तीर्थ यात्री की तबीयत बिगड़ने पर परिजन उसको 108 एंबुलेंस की मदद से सीएचसी बड़कोट ले गए। लेकिन, डॉक्टरों ने तीर्थ यात्री को मृत घोषित कर दिया। इससे पहले यमुनोत्री धाम की यात्रा के पहले दिन भैरव मंदिर के पास 60 वर्षीय गुजरात निवासी कनक सिंह की हार्ट अटैक से मौत हो गयी। पिछले दो दिनों में यमुनोत्री धाम में कुल दो यात्री की मौत हो चुकी है।
देहरादून (शोर संदेश)।वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर)-भारतीय पेट्रोलियम संस्थान(आईआईपी) ने देहरादून में अपने प्रयोगशाला परिसर में अपने "वन वीक वन लैब" यानी एक सप्ताह, एक प्रयोगशाला अभियान के तीसरे दिन स्कूली विद्यार्थियों के लिए आधे दिन की जिज्ञासा कार्यक्रम का आयोजन किया। इस आयोजन का उद्देश्य स्कूली बच्चों में वैज्ञानिक प्रवृत्ति को प्रोत्साहित करना था। कार्यक्रम में सीएसआईआर-आईआईपी के अनुसंधान विद्वानों द्वारा इंटरैक्टिव वैज्ञानिक प्रस्तुतियां शामिल थीं। कार्यक्रम की शुरुआत सीएसआईआर-आईआईपी की प्रधान वैज्ञानिक डॉ. आरती, निदेशक सीएसआईआर-आईआईपी डॉ अंजन रे ने अपने स्वागत भाषण में विद्यार्थियों को प्रेरित किया और हमारे दैनिक जीवन में विज्ञान के महत्व और सार्थकता पर बल दिया। उन्होंने जलवायु परिवर्तन के मुद्दों और ऊर्जा की अत्यधिक खपत को कम करके इसे कम करने के उपायों के बारे में भी जानकारी प्रदान की। डॉ. रे ने विभिन्न उदाहरणों को प्रस्तुत करते हुए ऊर्जा और जल संसाधनों के उचित उपायोग के बारे में बल दिया। उन्होंने कहा कि हमारे भविष्य को बचाने के लिए जल और ऊर्जा का संरक्षण एक आवश्यकता है। विद्यार्थियों के लिए प्रश्नोत्तरी व प्रहसन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रहसन प्रतियोगिता में केंद्रीय विद्यालय आईआईपी देहरादून ने प्रथम पुरस्कार, डीएवी पब्लिक स्कूल ने द्वितीय पुरस्कार और डोईवाला स्कूल ने तृतीय पुरस्कार प्राप्त किया। प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में भी स्कूली विद्यार्थियों और दर्शकों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में डीएवी स्कूल ने पहला, डोईवाला स्कूल ने दूसरा और एसजीआरआर नेहरूग्राम स्कूल और केवी-आईआईपी ने संयुक्त रूप से तीसरा स्थान हासिल किया। निदेशक सीएसआईआर-आईआईपी ने विजेताओं को पुरस्कार वितरित कर विद्यार्थियों को प्रेरित किया। कार्यक्रम के लिए डॉ. दीपेंद्र त्रिपाठी ने धन्यवाद ज्ञापन किया। डॉ. ज्योति पोरवाल और सुश्री भावना शर्मा ने कार्यक्रम का सक्रिय रूप से संचालन किया, जबकि सीएसआईआर-आईआईपी की जिज्ञासा टीम ने कार्यक्रम के संचालन में सक्रिय भूमिका निभाई।