झारसुगुड़ा (शोर संदेश)। ओडिशा के झारसुगुड़ा में वनमंत्री केदार कश्यप व आदिवासी नेता एवं अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष विकास मरकाम ने भारतीय जनता पार्टी जिला चुनाव कार्यालय में जिलाध्यक्ष एवं अन्य पदाधिकारियों के साथ बैठक कर चुनाव रणनीतियों पर चर्चा की। वनमंत्री केदार कश्यप ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी और संकल्पपत्र के एक एक बिंदु को हमे जन जन और घर घर तक पहुंचाना है, साथ ही केंद्र सरकार के पिछले 10 वर्षों के कार्यों को हर सभा सम्मेलन में आम जनों तक पहुंचाना होगा। पीएम आवास हो, नलजल योजना, पीएम किसान सम्मान निधि, महिलाओं के सम्मान के लिए शौचालयों का निर्माण हो इन सभी योजनाओं का खूब प्रचार प्रसार करने की बात कही। साथ ही उन्होंने पुरजोर तरीके से "अबकी बार 400 पार" के नारे को उठाने की बात की। विकास मरकाम ने कहा कि भाजपा ने आदिवासी समाज के लिए जितना कार्य पिछले 10 वर्षों में केंद्र में रहते हुए किया वो आजतक किसी भी सरकार ने नही किया है। आदिवासी समाज के आर्थिक सशक्तिकरण के साथ साथ उनके सांस्कृतिक विरासत का भी संवर्द्धन मोदी सरकार कर रही है। ओडिशा में भी इसका लाभ आदिवासियों को प्राप्त हो इसलिए डबल इंजन की सरकार बनाना क्यों अति आवश्यक है इस पहलू को जन जन तक पहुंचाने की रणनीति पर काम करने की बात मरकाम द्वारा कही गई। इस बैठक में भाजपा जिलाध्यक्ष, झारसुगुड़ा समेत तमाम पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद रहे।
गुवाहाटी (शोर सन्देश) असम पुलिस ने सोमवार को गुवाहाटी रेलवे स्टेशन से दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया। दरअसल, ये दोनों एक आतंकवादी संगठन अल कायदा इन इंडियन सबकॉन्टिनेंट से संबंध रखते हैं। इन दोनों की पहचान अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (एबीटी) के 30 वर्षीय बहार मिया और 40 वर्षीय रेयरली मिया के तौर पर की गई है। ये दोनों आरोपी बांग्लादेश के रहने वाले हैं और भारत में बिना पासपोर्ट के अवैध तरीके से रह रहे थे। असम में आतंकी नेटवर्क फैलाने के लिए भारतीय दस्तावेज हासिल कर रहे थे। एक अधिकारी ने बताया कि वे युवाओं को आतंकी संगठन में शामिल होने के लिए प्रेरित कर रहे थे। उन्होंने आगे कहा, "ये दोनों असम में आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए अवैध रूप से रह रहे थे।" उनके पास से आधार और पैन कार्ड समेत अन्य दस्तावेज बरामद किए गए।
गुवाहाटी (शोर संदेश)। असम राइफल्स ने मिजोरम पुलिस के साथ संयुक्त कार्रवाई करते हुए एक करोड़ रुपये कीमत की हेरोइन पकड़ी है। एक आरोपी को भी गिरफ्तार किया गया है। खबर के अनुसार, असम राइफल्स और मिजोरम पुलिस ने मिजोरम के तलांगसम और चमफाई इलाकों में कार्रवाई करते हुए 168 ग्राम हेरोइन पकड़ी, जिसकी बाजार में कीमत करीब 1.17 करोड़ रुपये है।
गुवाहाटी (शोर संदेश)।असम के हैलाकांडी जिले में नशीले पदार्थ बेचने के आरोप में दो पुलिस कांस्टेबल को गिरफ्तार किया गया है। दो पुलिस कांस्टेबल नारायण दास और ऐनुल अली को बुधवार को हिरासत में ले लिया गया और उन्हें नौकरी से भी निलंबित कर दिया गया। हैलाकांडी एसपी लीना डोले ने कहा, नारायण दास, ऐनुल अली और एक अन्य व्यक्ति बहार उद्दीन ने ड्रग्स खरीदने के लिए एक अन्य स्थान से एक व्यक्ति को हैलाकांडी बुलाया। उन्होंने पहले व्हाट्सएप पर ड्रग्स की तस्वीरें भेजीं और अज्ञात व्यक्ति उस फोटो का नमूना देखने के बाद यहां आया। अधिकारी के मुताबिक, बाद में खरीदार ने शिकायत की थी कि दवाएं नकली थीं और दोनों पक्षों के बीच इसको लेकर झड़प भी हुई। इस झगड़े की जानकारी हैलाकांडी पुलिस को मिली और उसने मौके से दोनों कांस्टेबलों को गिरफ्तार कर लिया। डोले ने कहा, लेकिन उनके साथ मौजूद बहार उद्दीन भागने में सफल रहा। जो आदमी उनके पास ड्रग्स खरीदने आया था, उसकी पिटाई करने के अलावा उन्होंने उससे नकदी, एक मोबाइल फोन और एक ब्लूटूथ डिवाइस छीन लिया। उन्होंने आगे कहा कि पुलिस कांस्टेबलों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है और असम के डीजीपी को भी इस घटनाक्रम के बारे में सूचित किया गया है। डोले ने कहा, डीजीपी के आदेश पर, दास और अली को अस्थायी रूप से नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है। अगले महीने के भीतर उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही की जाएगी। इस बीच, पुलिस ने बहार उद्दीन को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। वे उस अज्ञात व्यक्ति के बारे में भी सुराग लगाने की कोशिश कर रहे हैं जो मादक पदार्थ खरीदने के लिए जिले में आया था।
गुवाहाटी (शोर संदेश)। असम में बाढ़ की स्थिति शनिवार को भी गंभीर बनी रही। कम से कम 19 जिले अभी भी प्रभावित हैं। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, 1,538 गांवों और दो शहरी क्षेत्रों में कुल 4,88,525 व्यक्ति प्रभावित हैं। नलबाड़ी जिले में शुक्रवार को बाढ़ संबंधी घटना में एक व्यक्ति की मौत हो गई। निखिलेश मल्ला बुजोरबरुआ अपने घर के पास गलती से बाढ़ के पानी में गिर जाने के बाद लापता बताए गए थे। राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) ने बाद में उसका शव बरामद किया। इस साल की पहली बाढ़ से राज्य में यह दूसरी मौत थी। पहली मौत गुरुवार को तामुलपुर जिले में हुई। राज्य सरकार के अधिकारियों ने कहा कि पीड़ित परिवारों को अनुग्रह योजना के तहत मुआवजा मिलेगा। एएसडीएमए के अनुसार, 19 बाढ़ प्रभावित जिले बजली, चिरांग, दरांग, बक्सा, बारपेटा, बिस्वनाथ, बोंगाईगांव, धेमाजी, धुबरी, डिब्रूगढ़, गोलपारा, गोलाघाट, कामरूप, कोकराझार, लखीमपुर, नागांव, नलबाड़ी, तामुलपुर, उदलगुरी हैं। बजाली जिले में सबसे ज्यादा 2,67,253 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। बारपेटा 73,23 प्रभावितों के साथ दूसरे स्थान पर है। राज्य प्रशासन द्वारा 14 जिलों में संचालित 225 राहत शिविरों में कम से कम 35,142 बाढ़ प्रभावित लोगों ने शरण ली है।
गुवाहाटी (शोर संदेश)। असम-मेघालय सीमा पर लकड़ी की तस्करी को रोके जाने के दौरान मंगलवार तड़के हिंसा भड़क गई। हिंसा में वन रक्षक समेत 6 लोगों की मौत हो गई। अधिकारियों ने बताया कि असम-मेघालय सीमा पर पुलिस ने अवैध लकड़ी के ट्रक को रोका था, जिसके बाद हिंसा भड़क गई। पश्चिम कार्बी आंगलोंग के पुलिस अधीक्षक इमदाद अली ने इसकी जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि असम वन विभाग ने मेघालय सीमा पर ट्रक को रोका था। ट्रक चालक ने भागने की कोशिश की। उसे रोकने के लिए वन रक्षकों ने फायरिंग कर दी। अधिकारी ने आगे बताया कि फायरिंग में ट्रक का टायर पंचर हो गया। वन रक्षकों ने ट्रक चालक समेत तीन लोगों को पकड़ लिया, हालांकि अन्य भागने में कामयाब रहे। अधिकारी ने बताया कि घटना के बारे में नजदीकी पुलिस थाना में जानकारी दी गई और अतिरिक्त पुलिस बल की मांग की। सुबह पांच बजे पुलिस के पहुंचते ही कुछ स्थानीय लोग हाथों में हथियार लिए वहां पहुंच गए। भीड़ ने तस्करों को छोड़े जाने की मांग को लेकर वन रक्षकों और पुलिस को घेर लिया। बचाव में भीड़ पर गोली चलानी पड़ी।
वन रक्षक समेत 6 लोगों की मौत
गोलीबारी में वन रक्षक की मौत हो गई। उसके अलावा मेघालय के पांच लोगों की भी मौत हुई है। हिंसा में घायल हुए लोगों को अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है। वन रक्षक की मौत की वजह का पता नहीं चल सका है। इस घटना की जांच शुरू कर दी गई है। उधर, एहतियात के तौर पर मेघालय के सात जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं। सीएम कोनराड संगमा ने बताया कि मामले में मेघालय पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है।
गुवाहाटी (शोर संदेश)। असम के बोंगाईगांव जिले के कबाईटरी पार्ट- IV गांव में स्थित मरकजुल मा-आरिफ क्वारियाना मदरसा को तोड़ा जा रहा है। आतंकी संगठन अलकायदा से जुड़े इमाम और मदरसा शिक्षकों सहित 37 लोगों की गिरफ्तारी के बाद असम सरकार द्वारा ध्वस्त किया गया यह तीसरा मदरसा है।
गुवाहाटी (शोर संदेश)। असम पुलिस ने शनिवार को गोलपारा जिले से अल-कायदा भारतीय उपमहाद्वीप (AQIS) और अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (ABT) आतंकवादी समूहों से जुड़े दो संदिग्ध आतंकवादियों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार आतंकियों की पहचान मोरनोई थाने के तिनकुनिया शांतिपुर मस्जिद के इमाम अब्दुस सुभान और गोलपारा के मटिया थाना अंतर्गत तिलपारा नतुन मस्जिद के इमाम जलालुद्दीन शेख के रूप में हुई है। वी.वी. गोलपाड़ा जिले के पुलिस अधीक्षक (एसपी) राकेश रेड्डी ने कहा कि उक्त दोनों व्यक्तियों से घंटों पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने कहा, 'हमें इस साल जुलाई में गिरफ्तार अब्बास अली से इनपुट मिला है, जो जिहादी तत्वों से भी जुड़ा हुआ है। पूछताछ के दौरान, हमने पाया कि वे असम में एक्यूआईएस/एबीटी के बारपेटा और मोरीगांव मॉड्यूल से सीधे जुड़े हुए थे।' एसपी ने बताया, 'आरोपी व्यक्तियों की घर की तलाशी के दौरान अल-कायदा, जिहादी तत्वों से संबंधित कई आपत्तिजनक सामग्री, पोस्टर, अन्य दस्तावेजों के साथ किताबें, मोबाइल फोन, सिम कार्ड और आईडी कार्ड जब्त किए गए हैं।' उन्होंने आगे कहा कि आतंकियों ने बांग्लादेश से यहां आए जिहादी आतंकवादियों को भी रसद समर्थन दिया है। पुलिस अधिकारी ने कहा, 'बांग्लादेशी नागरिक फरार है। गिरफ्तार आतंकवादियों ने गोलपारा में बांग्लादेशी आतंकवादियों को शरण दी थी। गिरफ्तार व्यक्तियों ने दिसंबर 2019 में मटिया पुलिस थाने के तहत सुंदरपुर तिलपारा मदरसा में एक धर्म सभा का आयोजन किया था, जहां एक्यूआईएस से जुड़े कई बांग्लादेशी नागरिकों को अतिथि वक्ताओं के रूप में आमंत्रित किया गया था।' उन्होंने आगे खुलासा किया कि ये गिरफ्तार व्यक्ति रसद सहायता प्रदान करने के साथ-साथ बांग्लादेशी नागरिकों को आश्रय देने में शामिल थे, जो वर्तमान में फरार हैं। एसपी ने कहा, 'उन्होंने एक्यूआईएस के सदस्य होने की बात कबूल की है और गोलपारा में अंसार/स्लीपर सेल की भर्ती की। उन्होंने खुलासा किया है कि सीधे धन और समर्थन फरार बांग्लादेशी आतंकवादियों से आया है। मटिया पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) आरडब्ल्यू की धारा 120 (बी), 121, 121 (ए) और यूए (पी) अधिनियम की धारा 18, 18 (बी), 19 और 20 के तहत एक नया मामला दर्ज किया गया है। इससे पहले 28 जुलाई को असम में एक्यूआईएस और एबीटी सहित वैश्विक आतंकी संगठनों के साथ कथित संबंधों के लिए एक बड़ी कार्रवाई में 11 लोगों को हिरासत में लिया गया था।
नगांव (शोर संदेश)। असम के नगांव जिले में एक सनसनीखेज घटना सामने आई है। यहां एक गांव में लोक सुनवाई में इकट्ठा हुई भीड़ ने हत्या के आरोपी को जिंदा जला डाला।सिर्फ इतना ही नहीं, जलाने के बाद किसी ने भी पुलिस को इसकी जानकारी नहीं दी और उस व्यक्ति को 90 प्रतिशत जली हालत में दफना दिया।सूचना मिलने के बाद पहुंची पुलिस ने लाश को कब्र से निकाला और कुछ आरोपियों को हिरासत में लिया है। स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि उन्हें करीब 6 बजे सूचना मिली थी कि लोक सुनवाई के दौरान एक व्यक्ति को जिंदा जलाकर दफना दिया गया है। बाद में शव को बाहर निकाला गया और कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है। यह घटना समागुरी पुलिस थाने के अंतर्गत आने वाले लालुंग गांव की है और यहां कार्बी जनजाति के लोग अधिक संख्या में रहते हैं। तीन दिन पहले यहां एक तालाब में नवविवाहिता की लाश मिली थी।ग्रामीणों ने बिना पुलिस को सूचना दिए महिला का अंतिम संस्कार कर दिया। उसके बाद एक महिला ने दावा किया कि उसने नवविवाहिता की हत्या की है। कुछ लोगों का कहना है कि यह महिला जादू-टोने में विश्वास करती थी ।