बीजापुर।( शोर संदेश ) प्रधान मंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (PMSMA) के अंतर्गत बीजापुर जिले में सफल स्वास्थ्य जांच शिविर 125 गर्भवती महिलाओं की जांच, 47 उच्च जोखिम गर्भावस्था ( HRP) मामलों की पहचान बीजापुर, जो कि एक अत्यधिक संवेदनशील एवं नक्सल प्रभावित क्षेत्र है, में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (PMSMA) के तहत विशेष स्वास्थ्य जांच शिविर का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। इस अभियान का उद्देश्य गर्भवती महिलाओं को गुणवत्तापूर्ण प्रसव पूर्व देखभाल उपलब्ध कराना एवं मातृ-शिशु मृत्यु दर में प्रभावी कमी सुनिश्चित करना है।
अभियान के दौरान कुल 125 गर्भवती महिलाओं की निःशुल्क स्वास्थ्य जांच की गई, जिनमें से 47 महिलाओं को उच्च जोखिम गर्भावस्था (HRP) श्रेणी में चिन्हित किया गया। इन मामलों में प्रशिक्षित चिकित्सकों द्वारा विशेष परामर्श एवं आवश्यक उपचार प्रदान किया गया ताकि मातृत्व संबंधी जटिलताओं को समय रहते रोका जा सके। इसके अतिरिक्त, 80 महिलाओं का अल्ट्रासाउंड परीक्षण भी किया गया, जिसने गर्भावस्था के दौरान उत्पन्न संभावित जटिलताओं की शीघ्र पहचान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस संवेदनशील क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं को पहुँचाना चुनौतीपूर्ण था, लेकिन स्थानीय प्रशासन एवं चिकित्सा टीमों के समर्पित प्रयासों से यह संभव हुआ। HRP मामलों की समय पर पहचान और प्रभावी प्रबंधन से मातृत्व संबंधी जटिलताओं को सफलतापूर्वक रोका जा सकता है।
छत्तीसगढ़ राज्य सरकार मातृत्व स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक सुदृढ़ एवं व्यापक बनाने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि प्रत्येक महिला, चाहे वह किसी भी क्षेत्र में रहती हो, सुरक्षित मातृत्व का अधिकार प्राप्त कर सके।
इस अभियान की सफलता में कलेक्टर संबित मिश्रा का महत्वपूर्ण नेतृत्व रहा, जिन्होंने प्रशासनिक समन्वय सुनिश्चित किया। सीईओ जिला पंचायत हेमंत रमेश नंदनवार, ने अभियान के सुचारु संचालन के लिए आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता में सहायता प्रदान की। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बी. आर. पुजारी के निर्देशन में स्वास्थ्य जांच के सभी पहलुओं को कुशलता से प्रबंधित किया गया, जबकि डॉ. रत्ना ठाकुर, सिविल सर्जन ने चिकित्सा दल का मार्गदर्शन करते हुए गर्भवती महिलाओं को व्यक्तिगत परामर्श और उपचार प्रदान किया।
इसके अतिरिक्त, डॉ. आदित्य साहू, स्त्री रोग विशेषज्ञ ने मातृत्व संबंधी जटिलताओं के प्रबंधन में महत्वपूर्ण सलाह एवं चिकित्सकीय परामर्श प्रदान किया। डॉ. देवेन्द्र मोरला, रेडियोलॉजिस्ट ने अल्ट्रासाउंड परीक्षण को सफलतापूर्वक निष्पादित कर उच्च जोखिम मामलों की पहचान में मदद की। इस अभियान को सफल बनाने में अस्पताल के समस्त स्टाफ का भी महत्वपूर्ण सहयोग रहा, जिन्होंने अपने समर्पण और कड़ी मेहनत से मातृ-शिशु स्वास्थ्य सेवाओं को प्रभावी ढंग से उपलब्ध कराया।
जिला चिकित्सालय का निरीक्षण मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बी. आर. पुजारी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक वरुण साहू, और मानसी ताटपल्ली ( DPHNO ) द्वारा किया गया।